नीति आयोग (राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्था) | NITI Aayog

 🔮नीति आयोग: 

नीति आयोग (राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्था) सरकार के 'थिंक टैंक' के रूप में कार्य करता है। भारत सरकार द्वारा गठित एक नया संस्‍थान है


➡️पष्ठभूमि: 

योजना आयोग को 1 जनवरी, 2015 को एक नए संस्थान नीति आयोग द्वारा प्रतिस्थापित किया गया था, जिसमें 'सहकारी संघवाद' की भावना को प्रतिध्वनित करते हुए अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार की परिकल्पना की परिकल्पना के लिये 'बॉटम-अप' दृष्टिकोण पर ज़ोर दिया गया था। 

➡️इसके दो हब हैं। 

टीम इंडिया हब- राज्यों और केंद्र के बीच इंटरफेस का काम करता है। 

ज्ञान और नवोन्मेष हब- नीति आयोग के थिंक-टैंक की भाँति कार्य करता है। 


➡️सयोजन: 

✔️अध्यक्ष: प्रधानमंत्री 

✔️उपाध्यक्ष: प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त 

✔️सचालन परिषद: सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्रशासित प्रदेशों के उपराज्यपाल।

✔️कषेत्रीय परिषद: विशिष्ट क्षेत्रीय मुद्दों को संबोधित करने के लिये प्रधानमंत्री या उसके द्वारा नामित व्यक्ति मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों की बैठक की अध्यक्षता करता है। 

✔️तदर्थ सदस्यता: अग्रणी अनुसंधान संस्थानों से बारी-बारी से 2 पदेन सदस्य। 

✔️पदेन सदस्यता: प्रधानमंत्री द्वारा नामित केंद्रीय मंत्रिपरिषद के अधिकतम चार सदस्य। 

✔️मख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO): भारत सरकार का सचिव जिसे प्रधानमंत्री द्वारा एक निश्चित कार्यकाल के लिए नियुक्त किया जाता है। 

✔️विशेष आमंत्रित: प्रधानमंत्री द्वारा नामित विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ। 


➡️उद्देश्य: 

✔️राज्यों के साथ निरंतर आधार पर संरचित समर्थन पहल और तंत्र के माध्यम से सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना, यह मानते हुए कि मज़बूत राज्य एक मबूत राष्ट्र बनाते हैं। 

✔️गराम स्तर पर विश्वसनीय योजनाएँ बनाने के लिये तंत्र विकसित करना और सरकार के उच्च स्तरों पर इन्हें उत्तरोत्तर एकत्रित करना। 

✔️यह सुनिश्चित करने के लिये कि विशेष रूप से इसे संदर्भित क्षेत्रों, राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों को आर्थिक रणनीति और नीति में शामिल किया गया है। 

✔️समाज के उन वर्गों पर विशेष ध्यान देना जिन्हें आर्थिक प्रगति से पर्याप्त रूप से लाभ न मिलने का जोखिम हो सकता है। 

✔️परमुख हितधारकों और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समान विचारधारा वाले थिंक टैंकों के साथ-साथ शैक्षिक और नीति अनुसंधान संस्थानों के बीच सलाह प्रदान करना एवं भागीदारी को प्रोत्साहित करना 

✔️राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों, चिकित्सकों और अन्य भागीदारों के एक सहयोगी समुदाय के माध्यम से ज्ञान, नवाचार और उद्यमशीलता सहायता प्रणाली की स्थापना करना। 

✔️विकास एजेंडा के कार्यान्वयन में तेज़ी लाने के लिये अंतर-क्षेत्रीय और अंतर-विभागीय मुद्दों के समाधान हेतु मंच प्रदान करना। 

✔️अत्याधुनिक संसाधन केंद्र बनाए रखने, सतत् और न्यायसंगत विकास में सुशासन और सर्वोत्तम प्रथाओं पर अनुसंधान का संग्रह होने के साथ-साथ हितधारकों के प्रसार में मदद करना।


➡️नीति आयोग की स्थापना का महत्त्व: 

✔️65 वर्ष पुराना योजना आयोग निरर्थक संगठन बन गया था। यह एक निर्देशित अर्थव्यवस्था संरचना में प्रासंगिक था लेकिन अब नहीं। 

✔️भारत विविधताओं वाला देश है और इसके राज्य आर्थिक विकास के विभिन्न चरणों में हैं, जिनकी अपनी भिन्न-भिन्न ताकतें और कमज़ोरियाँ हैं। 

✔️आर्थिक नियोजन के लिये सभी पर एक प्रारूप लागू हो, यह धारणा गलत है। यह आज की वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत को प्रतिस्पर्द्धी के तौर पर स्थापित नहीं कर सकता।


➡️सबंधित चिंताएंँ और चुनौतियांँ: 

✔️नीति आयोग के पास राज्यों को विवेकाधीन धन देने का कोई अधिकार नहीं है, जो परिवर्तनकारी हस्तक्षेप करने के लिये इसे असमर्थ बना देता है। 

✔️यह केवल एक सलाहकार निकाय के रूप में कार्य करता है जो सरकार को अपने विचारों की प्रवर्तनीयता सुनिश्चित किये बिना विभिन्न मुद्दों पर सलाह देता है। 

✔️निजी या सार्वजनिक निवेश को प्रभावित करने में नीति आयोग की कोई भूमिका नहीं है। 

हाल के दिनों में संगठन का राजनीतिकरण हुआ है। 

✔️नीति आयोग को एक गौरवशाली सिफारिशी निकाय में बदल दिया गया है, जिसके पास सरकार के कार्यों में सकारात्मक बदलाव लाने के लिये आवश्यक शक्ति का अभाव है।

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